वैलेंटाइन डे का इतिहास ।
Valentine’s day की शुरुआत रोम के संत सेंट वैलेंटाइन के नाम पर हुई थी। कहा जाता है कि तीसरी शताब्दी में, रोमन सम्राट क्लॉडियस II ने सैनिकों की शादी पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन सेंट वैलेंटाइन ने इस आदेश के खिलाफ जाकर प्रेमी जोड़ों की शादी करवाई। इसी कारण उन्हें कैद कर लिया गया और 14 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गई। बाद में, यह दिन प्यार और समर्पण का प्रतीक बन गया।
कुछ लोग Kiss Day के बाद सीधे सेक्स की और रुख कर लेते हैं, जबकि इस दिन दो प्यार के पंछी को मिलाने के लिए एक संत ने अपनी कुर्बानी दे दिए थे ।
वैलेंटाइन डे सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका के लिए होता है ।
गलतफहमी: यह दिन सिर्फ कपल्स के लिए होता है, और इसे मनाना सिंगल लोगों के लिए फिजूल है।
सच्चाई: वैलेंटाइन डे प्यार का प्रतीक है, और प्यार सिर्फ रोमांटिक रिश्तों तक सीमित नहीं होता। यह दिन दोस्ती, परिवार, माता-पिता, भाई-बहनों और करीबी लोगों के प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त करने का भी एक अवसर है। कई देशों में इसे “फ्रेंडशिप और लव डे” के रूप में भी मनाया जाता है।
यह पश्चिमी संस्कृति की देन है ।
गलतफहमी: वैलेंटाइन डे सिर्फ एक विदेशी त्योहार है और भारतीय संस्कृति से इसका कोई लेना-देना नहीं है।
सच्चाई: प्यार और स्नेह का जश्न हर देश और संस्कृति में मनाया जाता है। भारतीय परंपरा में भी प्रेम का महत्व है—चाहे वह राधा-कृष्ण का दिव्य प्रेम हो या फिर कामदेव और रति की कथा। अंतर सिर्फ यह है कि समय के साथ इसे मनाने के तरीके बदल गए हैं।
यह भारतीय संस्कृति के खिलाफ है ।
गलतफहमी : वैलेंटाइन डे हमारी संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ है।
सच्चाई: प्रेम सार्वभौमिक है और किसी एक संस्कृति तक सीमित नहीं है। भारत में भी प्रेम को हमेशा महत्व दिया गया है। हमारी पौराणिक कथाओं में कई प्रेम कहानियां हैं, और हमारी सभ्यता में भी प्रेम को जीवन का महत्वपूर्ण पहलू माना गया है। सवाल इसे मनाने या न मनाने का नहीं है, बल्कि इसे सकारात्मक और सम्मानजनक तरीके से मनाने का होना चाहिए।
वैलेंटाइन डे सिर्फ एक मार्केटिंग ट्रिक है ।
गलतफहमी: यह दिन सिर्फ गिफ्ट कंपनियों और बाजार को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
सच्चाई: भले ही आजकल इस दिन पर गिफ्ट्स, फूल और कार्ड्स का चलन ज्यादा हो गया है, लेकिन प्यार जताने के लिए महंगे तोहफे की जरूरत नहीं होती। एक स्नेह भरा मैसेज, हाथ से लिखा पत्र, या एक छोटा सा सरप्राइज भी इस दिन को खास बना सकता है। इसे मनाने का तरीका पूरी तरह से आपकी सोच पर निर्भर करता है
निष्कर्ष: प्यार का दिन, गलतफहमियों से परे ।
वैलेंटाइन डे को लेकर जितनी गलतफहमियां हैं, उतनी ही इसे सही तरीके से मनाने की संभावनाएं भी हैं। इसे मनाना या न मनाना हर व्यक्ति की निजी पसंद है। जरूरी नहीं कि इसे किसी विशेष तरीके से ही मनाया जाए—अगर आप अपने प्रियजनों के साथ समय बिताकर, प्यार और सम्मान जताकर इस दिन को खास बना सकते हैं, तो यही इसका असली उद्देश्य है।

दियारा भूमि न्यूज ने जॉन साहब का शेर उनके डायरी से लिया है ।
“कुछ तो है, जो हमसे दूर जाने का नाम नहीं लेता,
तेरा ही ख्वाब, मेरा पीछा छोड़ने का नाम नहीं लेता।”
यह शेर प्रेम के उस गहरे एहसास को दर्शाता है, जिसे हम अपने दिलों में हमेशा के लिए संजोकर रखते हैं। जॉन एलिया की शायरी में प्रेम का दर्द और उसकी अनकही कहानियाँ अक्सर पाठकों के दिल को छू जाती हैं।
वैलेंटाइन डे पर, हम इन भावनाओं को साझा करने का एक सुंदर अवसर मान सकते हैं, जैसे कि एलिया की शायरी हमें प्रेम और इसके विविध पहलुओं से रूबरू कराती है।