स्वाभिमानी बनना ही गुनाह हो गया कैंजरी वासी के लिए ।
Kainjri Panchayat : अब तक नेताओ के द्वारा कैंजरी पंचायत के उम्मीदों का कत्ल किया गया है। ये कैंजरी गाँव की स्वाभिमान की कहानी है जहाँ से आईआईटी टॉपर से लेके प्रशासनिक विभाग में उच्च स्तरीय पद पर सेवा दे चुके हैं। इस गाँव ने बड़े-बड़े कानून विद भी दिए हैं। बसुदेव प्रसाद यादव जिन्होंने खगड़िया के जाने माने वकील थे और अपनी सेवा Public Prosecutor के पद पर खगड़िया जिला न्यायालय जिला में दे चुके हैं, इसी गाँव के बिनदेश्वरी प्रसाद यादव जी भी जिला न्यायालय सहरसा में Public Prosecutor के पद परअपनी सेवा दे चुके हैं।
क्या शिक्षा में ही सिर्फ कैंजरी की उपलब्धि है, राजनीति में योगदान शून्य है ?
तो इसका उत्तर आएगा – जी नहीं, 1957 के विधानसभा चुनाव में इसी गाँव का एक युवा वासुदेव प्रसाद यादव ने अपना पहला चुनाव प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से मैदान में थे। आजादी के बाद देश और प्रदेश में काँग्रेस का लहर होने के बावजूद भी इन्होंने 21.13 % वोट प्राप्त किये थे ।

उसके बाद इसी गाँव की बेटी कुमारी श्वेता भारती ने भी जिला परिसद अध्यक्ष खगड़िया के पद पर कार्य की उन्होंने अपने गाँव के लिए अपने स्तर पर योगदान भी दी हैं। इसके बाद राजनीति रूप से नरसिह प्रसाद यादव, तरणी प्रसाद यादव ,नारायण प्रसाद यादव एवं जगदीश पंडित, सूर्य नारायण प्रसाद यादव , मधुसूदन प्रसाद यादव , श्री कृष्ण सुमन, सत्यनारायण प्रसाद यादव , प्रमुख सियारम प्रसाद यादव, लक्ष्मण प्रसाद यादव एवं इंदल यादव जी ने अपनी भूमिका ग्रामीण स्तर पर निर्वहन किये हैं।
वर्तमान में कैंजरी गाँव की मुख्य समस्या ।
- 20 हजार की जनसंख्या में एक भी अस्पताल नहीं। कैंजरी पूर्व पार में एक उप स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के लिए ग्रामीण के द्वारा जमीन भी मुहैया करवाया गया है। पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष कुमारी श्वेता भारती के सहयोग से मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने B.M.S.I.C.I PATNA को 04 जनवरी 2021 को भवन निर्माण को लेके पत्र भी लिखा गया था उसके बाद कुमारी श्वेता भारती का कार्यकाल खत्म होने के बाद कोई प्रतिनिधि इस पर ध्यान नहीं दिया ।

कैंजरी पूर्व पार के लोगों ने भविष्य को देखते हुए वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव को लगभग 70 प्रतिशत बहुमत के साथ अपना जिला परिषद चुना था की ये क्षेत्र का विकास करेगी। इनका भी आश्वासन था, रुके हुए कार्य को जीतने के बाद यह पूरा करेंगी । लेकिन इनका कार्यकाल का भी बस एक वर्ष बचा है लेकिन अभी तक कोई खास पहल नहीं हुआ है जिससे ग्रामीण अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं ।
- कैंजरी गाँव के बीचों बीच काली कोशी नदी बहती है जिससे गाँव दो भागों में विभक्त है, ग्रामीण का बहुत दिन से मांग हैं एक पूल नदी के बीच में दिया जाए जिससे गाँव का संपर्क जिला मुख्यालय से हो सके। इस पूल के लिए सभी गाँव के लोग 2004 में राजद के उम्मीदवार डॉक्टर आर के राणा को अपना सांसद चुने थे, लेकिन इन्होंने भी कैंजरी के लिए पूल तो छोड़िए एक रोड का भी निर्माण नहीं किया । पुनः गाँव के लोग 2009 के लोकसभा चुनाव में सहरसा जिला के बानमा गाँव के निवासी कोशी पुत्र कहे जाने वाले जदयू उम्मीदवार दिनेश चंद्र यादव जी को 2009 में ये सोच कर मत दिया की ये अपने बीच का है । कैंजरी बनमा का लगभग हर घर में एक दूसरे का संबंध है तो दुख दर्द समझेगा और कैंजरी के काली कोशी नदी पर पूल देगा ।
कैंजरी गाँव के काली कोशी नदी को पार करता स्कूली छात्र pic.twitter.com/jS7nPLIZTi
— Diara Bhumi (@diarabhumi) February 11, 2025
जान जोखिम में डालकर नाव पार करता छात्र , यह विडिओ हमारा कैंजरी के पेज से लिया गया है ।
दिनेश चंद्र यादव जी ने भी चुनाव जीतने का बाद कैंजरी गाँव मे एक ईट भी नहीं लगाया और सांसद जी वोट देने का बदला बहुत ही मनमोहक अंदाज में चुकाया । इन्होंने कोशी नदी पर पूल दिया लेकिन कैंजरी गाँव के मुख्य घाट से 1 किलोमीटर दूर। इस पूल को रहने नहीं रहने से कोई मतलब नहीं है यात्री को । यदि इस पूल से लोग कैंजरी पूर्व पार से पश्चिम पार जाए तो उन्हे 5 से 6 किलोमीटर का दूरी तय करना पड़ेगा ।
ये श्रीमान एक पेंच फसा कर निकल गए की पूल का निर्माण कैंजरी गाँव से 1 किलो मीटर के दायरा में करवा दिया जिससे नियम के चपेट में कैंजरी वासी आ गया है । इसी तरह 2014 में कैंजरी वासी बागी रुख अख्तियार करते हुए इनके विपक्ष में वोट करके महबूब अली केशर को अपना संसद बनवाया, ये दो टर्म संसद रहे इन्होंने अपना कोशिश भी किया लेकिन दिनेश जी के फसए पेंच ने पूल बनने मे बड़ी बाधा खड़ी कर रहा है । एक किलोमीटर के दायरे में दूसरा पूल का निर्माण नहीं हो सकता जब तक बिहार सरकार नहीं चाहे ।
बिहार सरकार क्यूँ चाहेगी ? पन्ना लाल पटेल जो वर्तमान विधायक है उनसे कैंजरी गाँव से संबंध मजबूत नहीं रहने का कारण हमेशा इस पूल का विरोध किये हैं ।
आगे देखते हैं, ग्रामीण अपना बागी रूख अख्तियार रखते हैं या चमचा गिरी का सिद्धांत अपनाते हैं । अभी पूल के लिए आंदोलन का काम कैंजरी गाँव के सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण प्रसाद यादव का टीम देख रहे हैं ।
आप दियारा भूमि न्यूज पर बराबर पूल के बारे मे देख सकते हैं। विराट कोहली का कुल शतक ।