Bihar News, 17 मार्च 2025 – बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर बक्सर लोकसभा सीट से राजद सांसद सुधाकर सिंह ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बिहार सरकार से विभिन्न सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों की निष्पक्ष जाँच के लिए एक विशेष जाँच टीम (SIT) गठित करने की माँग की है। आज उन्होंने 1 अणे मार्ग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाया।
Bihar News । । बिना टेंडर सरकारी ठेके, वित्त विभाग में अनियमितताएँ
सांसद सुधाकर सिंह ने दावा किया कि बिहार सरकार के वित्त विभाग और अन्य सरकारी संस्थानों में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपने परिजनों की निजी कंपनियों को सरकारी ठेके दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के कई विभागों में निजी कंपनियों और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को सलाहकार और परामर्शी नियुक्त किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया के कारण बिहार सरकार को हर साल सैकड़ों करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बिना किसी प्रतिस्पर्धी बोली (Competitive Bidding) के निजी संस्थाओं को नियुक्त करने की प्रक्रिया की विस्तृत समीक्षा होनी चाहिए ताकि सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को रोका जा सके।
वित्त सचिव के विवादित तबादले पर उठाए सवाल
इसके अलावा, 31 अगस्त 2024 को नियुक्त हुए वित्त सचिव का मात्र तीन दिनों में तबादला कर आनंद किशोर को वित्त सचिव नियुक्त करने के मामले पर भी सुधाकर सिंह ने सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि 3 सितंबर 2024 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अचानक किया गया यह तबादला अनुचित प्रतीत होता है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान वित्त सचिव के कई फैसलों पर गंभीर संदेह है, विशेष रूप से बजट संबंधी बैठकों में निजी कंपनियों की भागीदारी और कुछ चुनिंदा परामर्शदाताओं को वित्त विभाग में प्राथमिकता देने के निर्णय संदेह के घेरे में हैं।
बिहार में जन लोकपाल की नियुक्ति की माँग
सांसद सुधाकर सिंह ने बिहार में जन लोकपाल की नियुक्ति की माँग की, जो कई वर्षों से रिक्त पड़ा है। उन्होंने कहा कि इस वजह से राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों की निष्पक्ष जाँच नहीं हो पाती। उनका कहना है कि यदि जन लोकपाल नियुक्त किया जाता है, तो सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित होगी और भ्रष्टाचार पर प्रभावी रूप से लगाम लगाई जा सकेगी।
पारदर्शिता के लिए टेंडर प्रक्रिया को अनिवार्य करने की माँग
सांसद सुधाकर सिंह ने राज्य सरकार से यह माँग भी की कि किसी भी संस्थान को सलाहकार के रूप में बहाल करने से पहले उसकी आवश्यकता का विस्तृत आकलन किया जाए और टेंडर प्रक्रिया को अनिवार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल से इस पर स्पष्ट दिशा-निर्देश पारित करवाया जाए ताकि बिहार में विकास कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे।
मुख्यमंत्री से त्वरित कार्रवाई की अपील
सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया कि भ्रष्टाचार के इन गंभीर मामलों पर तत्काल संज्ञान लिया जाए और सभी संबंधित विभागों में उच्च स्तरीय जाँच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते इस पर कदम नहीं उठाए गए, तो बिहार का विकास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा।

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