NITISH KUMAR । बिहार की सियासत में इन दिनों एक सवाल हर किसी की जुबान पर है – “नीतीश कुमार को क्या हुआ?” बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार की हालिया गतिविधियाँ चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। कभी “सुशासन बाबू” के नाम से मशहूर नीतीश अब अपने व्यवहार और स्वास्थ्य को लेकर सुर्खियों में हैं। राष्ट्रगान के दौरान नमस्ते करना, पत्रकारों से हाथ जोड़कर संवाद करना, और विधानसभा में असामान्य हावभाव – ये घटनाएँ बिहार की जनता और विपक्ष के लिए सवाल खड़े कर रही हैं।
NITISH KUMAR की हालिया हरकतें: क्या चल रहा है?
पिछले कुछ महीनों में नीतीश कुमार के व्यवहार में अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिले हैं। मार्च 2025 में ही कई घटनाएँ चर्चा में आईं:
- राष्ट्रगान के दौरान विवाद: 20 मार्च को एक सरकारी कार्यक्रम में नीतीश कुमार राष्ट्रगान के दौरान नमस्ते करते हुए नजर आए, जिसे विपक्ष ने “अपमान” करार दिया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लोग उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर सवाल उठाने लगे।
- मीडिया से दूरी: हाल ही में प्रगति यात्रा के दौरान नीतीश ने पत्रकारों से बातचीत करने से इनकार कर दिया और सिर्फ हाथ जोड़कर निकल गए।
- विधानसभा में अजीब व्यवहार: सदन में नीतीश कुमार के इशारों से जवाब देना और अचानक गुस्सा दिखाना भी चर्चा में रहा।
इन घटनाओं ने न केवल सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी, बल्कि “बिहार मुख्यमंत्री स्वास्थ्य” जैसे सर्च ट्रेंड्स को भी बढ़ा दिया।
नीतीश कुमार को क्या हुआ? संभावित कारण
1. स्वास्थ्य संबंधी समस्या?
74 वर्षीय नीतीश कुमार की तबीयत को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। जनवरी 2025 में सर्दी-बुखार के कारण उनकी प्रगति यात्रा स्थगित करनी पड़ी थी। गणतंत्र दिवस समारोह के बाद भी उनकी शारीरिक स्थिति को लेकर चर्चाएँ रहीं। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने तक कह दिया कि “नीतीश जी मानसिक रूप से अस्थिर हो चुके हैं।”
2. सियासी दबाव का असर?
2025 विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और NDA गठबंधन में नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। BJP के साथ उनके संबंधों में उतार-चढ़ाव और JDU की घटती राजनीतिक पकड़ ने नीतीश पर अतिरिक्त दबाव बना दिया है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का कहना है कि “नीतीश कुमार कुर्सी बचाने के लिए अजीब हरकतें कर रहे हैं।”
3. मानसिक थकान और राजनीतिक असमंजस?
लगभग 20 वर्षों तक बिहार की सत्ता में रहने वाले नीतीश कुमार शायद अब मानसिक और शारीरिक रूप से थकान महसूस कर रहे हैं। बार-बार गठबंधन बदलने और विपक्ष के तीखे हमलों ने उनकी छवि को प्रभावित किया है। क्या यह उनकी हालिया गतिविधियों में परिलक्षित हो रहा है?
बिहार की जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया
जनता की राय
सोशल मीडिया पर लोग नीतीश कुमार को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि “नीतीश जी ने बिहार के लिए बहुत किया, लेकिन अब उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए।”
विपक्ष का हमला
- तेजस्वी यादव ने कहा, “नीतीश जी अब सुषुप्त अवस्था में हैं, बिहार को नई ऊर्जा और नए नेतृत्व की जरूरत है।”
- कांग्रेस और RJD इसे BJP-JDU गठबंधन की कमजोरी के रूप में देख रहे हैं।
बिहार की राजनीति पर असर
1. JDU में उत्तराधिकारी को लेकर असमंजस
अगर नीतीश कुमार सक्रिय राजनीति से हटते हैं, तो JDU का नेतृत्व कौन करेगा? उनके बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं, लेकिन पार्टी में आंतरिक गुटबाजी इसे जटिल बना सकती है।
2. NDA की रणनीति पर असर
BJP ने अभी तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही है, लेकिन अगर उनकी स्थिति ऐसी ही बनी रही तो क्या BJP कोई नया चेहरा लाएगी?
3. विपक्ष को मिलेगा फायदा?
अगर JDU और BJP में अंतर्कलह बढ़ती है, तो इसका सबसे बड़ा लाभ RJD और कांग्रेस को हो सकता है। कन्हैया कुमार की बढ़ती सक्रियता भी विपक्ष के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार की हालिया हरकतें उनके शारीरिक और मानसिक स्थिति की वजह से हो सकती हैं। एक विशेषज्ञ ने कहा, “नीतीश अब पहले जैसे नहीं रहे। बिहार को जल्द ही नया नेतृत्व चाहिए।”
निष्कर्ष: नीतीश कुमार का भविष्य क्या होगा?
“नीतीश कुमार की हरकतें” अब सिर्फ एक सवाल नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में एक टर्निंग पॉइंट बन चुकी हैं। क्या नीतीश 2025 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे, या बिहार में नए नेतृत्व की शुरुआत होगी? यह तो समय ही बताएगा। फिलहाल, उनकी हर चाल और बयान पर जनता और विपक्ष की पैनी नजर बनी हुई है।
आप क्या सोचते हैं?
क्या नीतीश कुमार को अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए, या उनमें अभी भी नेतृत्व की क्षमता बची है? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर दें! – दियारा भूमि न्यूज