MP Sanjay Yadav ॥ नई दिल्ली: राज्यसभा में आज शून्यकाल के दौरान राजद सांसद संजय यादव ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि आखिर बिहार में पिछले 10 वर्षों से एक भी नया केंद्रीय विद्यालय (KV) और जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) क्यों नहीं खोला गया? उन्होंने बिहार में जल्द से जल्द नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग की।
MP Sanjay Yadav ॥ 85 नए केंद्रीय विद्यालय, लेकिन बिहार को नहीं मिला एक भी!
संजय यादव ने सदन में बताया कि हाल ही में भारत सरकार ने 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 जवाहर नवोदय विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है, लेकिन इसमें बिहार को एक भी विद्यालय नहीं मिला, जो बिहार के साथ अन्याय है।
उन्होंने कहा कि बिहार, जो देश की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है और जिसकी जनसंख्या भारत की कुल आबादी का लगभग 10% है, वहां नए स्कूलों की उपेक्षा करना चिंताजनक है।
बिहार में स्कूलों की हालत और शिक्षा व्यवस्था की चिंता
उन्होंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा:
✔ बिहार में साक्षरता दर देश में सबसे कम है।
✔ बिहार में School Dropout Rate सबसे अधिक है।
✔ बिहार का Gross Enrolment Ratio (GER) देश में सबसे कम है।
✔ नीति आयोग के SDG Index में बिहार सबसे निचले स्थान पर है।
✔ Multi-Dimensional Poverty Index में भी बिहार देश में सबसे पीछे है।
“अगर बिहार योग्य नहीं, तो फिर क्या है Selection Criteria?”
राजद सांसद ने सवाल उठाया कि अगर बिहार की खराब साक्षरता दर, उच्च ड्रॉपआउट रेट, और विशाल छात्र संख्या भी नए केंद्रीय विद्यालय पाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, तो आखिर केंद्र सरकार का चयन मानदंड क्या है?
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार लगातार केंद्र सरकार द्वारा अनदेखी झेल रहा है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
“शिक्षा ही बिहार की तरक्की की कुंजी है!”
संजय यादव ने कहा कि बिहार में उद्योग और रोजगार के सीमित अवसर हैं, ऐसे में शिक्षा ही एकमात्र साधन है जो राज्य को गरीबी और पिछड़ेपन से निकाल सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि बिहार में अधिक से अधिक केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय खोले जाएं, ताकि राज्य के छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
क्या बिहार को नए केंद्रीय विद्यालय मिलेंगे, या यह मुद्दा सिर्फ बहस तक ही सीमित रहेगा? यह देखने वाली बात होगी! – दियारा भूमि न्यूज़
संजय यादव का संक्षिप्त परिचय ।
संजय यादव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के करीबी सहयोगी हैं। वह पार्टी की रणनीति और संगठन को मज़बूत करने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। 2024 में राज्यसभा सांसद बनने से पहले, वह लंबे समय तक तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
संजय यादव का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था। उन्होंने शुरुआती शिक्षा हरियाणा से प्राप्त की और बाद में दिल्ली से स्नातक और फिर MBA की पढ़ाई की। पढ़ाई के बाद, उन्होंने एक आईटी कंपनी में कई वर्षों तक काम किया, लेकिन राजनीति की ओर झुकाव होने के कारण उन्होंने इस क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने का फैसला किया।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
संजय यादव का राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से जुड़ाव साल 2015 में हुआ, जब उन्होंने पार्टी के लिए सोशल मीडिया कैंपेन और रणनीतिक कार्यों में अहम भूमिका निभाई। 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में उन्होंने तेजस्वी यादव के प्रचार अभियान को डिजिटल और जमीनी स्तर पर मजबूती दी, जिससे पार्टी को अच्छा जनसमर्थन मिला।
राजद के “बैकबोन” और तेजस्वी यादव के करीबी
संजय यादव को तेजस्वी यादव का सबसे विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है। वह पर्दे के पीछे रहकर राजनीतिक रणनीति, मीडिया मैनेजमेंट और संगठनात्मक फैसलों में तेजस्वी यादव की मदद करते हैं।
राज्यसभा सांसद बनने का सफर
राजद ने उनकी काबिलियत और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए, उन्हें फरवरी 2024 में राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया। पार्टी के समर्थन से वे निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने गए।
बिहार की शिक्षा और विकास के पैरोकार
राज्यसभा सांसद बनने के बाद, संजय यादव लगातार बिहार के विकास, शिक्षा और औद्योगिकीकरण को लेकर मुखर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने राज्यसभा में बिहार में केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालयों की कमी का मुद्दा उठाया, जिससे बिहार में शिक्षा सुधार की माँग को बल मिला।