कन्हैया कुमार ने बिहार में ”पलायन रोको, नौकरी दो” की शुरुआत की
Bihar News Live पटना, 16 मार्च 2025: बिहार में कांग्रेस पार्टी ने राज्य में बढ़ती बेरोजगारी और युवाओं के पलायन को लेकर एक बड़ा आंदोलन शुरू किया है। पार्टी ने ‘पलायन रोको, नौकरी दो‘ विषय पर आधारित एक राज्यव्यापी पदयात्रा का आयोजन किया है,
जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार को घेरना और युवाओं के रोजगार की समस्या को प्रमुखता से उठाना है। इस अभियान की शुरुआत पश्चिमी चंपारण जिले के भितिहरवा गांधी आश्रम से हुई, जहां महात्मा गांधी ने अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।
कांग्रेस पार्टी ने इस यात्रा के जरिए बेरोजगारी, पलायन और सरकारी नीतियों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने का प्रयास किया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि राज्य में बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक समस्याएं युवाओं को मजबूर कर रही हैं कि वे बेहतर भविष्य के लिए राज्य छोड़कर अन्य राज्यों की ओर रुख करें।
इस यात्रा का उद्देश्य न केवल सरकार पर दबाव डालना है, बल्कि यह संदेश भी देना है कि कांग्रेस सत्ता में आने पर युवाओं को रोजगार देने के लिए ठोस कदम उठाएगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कन्हैया कुमार ने इस अभियान में हिस्सा लिया और मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “बिहार में बेरोजगारी की दर दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और इसके कारण हमारे युवा राज्य छोड़ने पर मजबूर हैं।
बिहार सरकार ने इस गंभीर समस्या पर कभी ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस पार्टी ने यह आंदोलन शुरू किया है ताकि सरकार पर दबाव डाला जा सके और युवाओं को रोजगार मिलने का रास्ता खोला जा सके।”
कन्हैया कुमार ने सरकार को घेरते हुए कहा कि जब तक राज्य में रोजगार के अवसर नहीं बढ़ेंगे, तब तक पलायन की समस्या बनी रहेगी। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी की यह पहल राज्य में रोजगार पैदा करने की दिशा में पहला कदम है। हम चाहते हैं कि बिहार में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएं और इससे पलायन की समस्या का समाधान हो।”
युवाओं के लिए रोजगार की मांग
बिहार में बेरोजगारी की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार ने रोजगार सृजन को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। इससे राज्य के युवा अपने घरों से बाहर जाने को मजबूर हो गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार से हर साल हजारों युवा रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं, जो राज्य के विकास के लिए एक बड़ा खतरा है।
कांग्रेस का यह आंदोलन उस समय आया है जब राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। कांग्रेस पार्टी इस आंदोलन के जरिए युवाओं को अपने पक्ष में लाने और बेरोजगारी के मुद्दे पर चुनावी फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर राज्य में रोजगार की स्थिति बेहतर हो, तो पलायन की समस्या खुद-ब-खुद कम हो जाएगी।
यात्रा का मार्ग और उद्देश्य
कांग्रेस का यह ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ अभियान बिहार के विभिन्न जिलों से होकर पटना पहुंचेगा। यात्रा का उद्देश्य केवल एक राजनीतिक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह युवाओं के बीच एक सामाजिक संदेश देने की भी कोशिश है। कांग्रेस नेता मानते हैं कि अगर राज्य सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो इसका असर आगामी विधानसभा चुनावों में देखने को मिलेगा।
पार्टी ने यह भी घोषणा की है कि इस यात्रा के दौरान वे बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में बेरोजगारी और पलायन से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा करेंगे और सरकार से इन मुद्दों का समाधान करने की मांग करेंगे। कांग्रेस का मानना है कि राज्य में रोजगार सृजन के लिए उद्योगों का विकास, शिक्षा व्यवस्था में सुधार और सरकारी सेवाओं में रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जानी चाहिए।
भाजपा और अन्य दलों की प्रतिक्रिया
इस आंदोलन पर भाजपा और राज्य सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस सिर्फ राजनीति कर रही है और वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं दे रही। भाजपा के प्रवक्ता ने कहा, “कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब उन्होंने बेरोजगारी और पलायन को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए थे। अब जब वे विपक्ष में हैं, तो इन मुद्दों पर केवल राजनीति कर रहे हैं।”
इसके विपरीत, कांग्रेस पार्टी का कहना है कि भाजपा सरकार ने पिछले वर्षों में बिहार के विकास की दिशा को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों को नजरअंदाज किया है।
आगामी चुनावों पर असर
कांग्रेस के इस आंदोलन को आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में देखा जा रहा है। पार्टी का मानना है कि यह आंदोलन उनकी पार्टी को राज्य में युवाओं के बीच एक नई ताकत दे सकता है। कन्हैया कुमार जैसे युवा नेताओं की सक्रिय भागीदारी से कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि वे बिहार के युवाओं को आकर्षित कर सकेंगे, जो वर्तमान सरकार से नाराज हैं।
कुल मिलाकर, कांग्रेस पार्टी ने इस आंदोलन के जरिए यह संदेश दिया है कि वे युवाओं के मुद्दों को अपनी प्राथमिकता बनाएंगे और राज्य में रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगे। यह आंदोलन बिहार में बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जो आने वाले चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस बीच, राजनीति के इस तात्कालिक संघर्ष में यह देखा जाना होगा कि आखिरकार बिहार सरकार इस आंदोलन के दबाव में आकर युवाओं के लिए रोजगार के मामले में कोई ठोस कदम उठाती है या नहीं।– दियारा भूमि न्यूज़